Monday 25 June 2012

जरा अब ढंग में आ जाओ

बरसात 3
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बहुत हुयी बरसात चलो अब ढंग में आजाओ ,

कितना बरसोगे आज जरा अब बदल जाओ 

बहुत हुयी बरसात यादों को लेकर सुनलो अब 
लाठी ले लो साथ, वोट पे हों चोट सम्भल जाओ .

बहुत हुई बरसात ,बदली हवा बही क्यूँ हर ओर ,
सरकारी अत्याचार नाम भ्रष्टाचार कुचल पाओ .

बहुत हुई बरसात बातों बातों की बात कर सको 
राष्ट्रपति पद घात गर मिलकर भी बदल पाओ .

बहुत हुई बरसात ,हिटलर शाही सी है बात सुनो
लाठी है छोटी करनी है मोटी, सरकार बदल जाओ-विजयलक्ष्मी

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