Monday 25 June 2012

सुन सखी


बरसात ..2
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सुन सखी , मेरी सहेली बन बन गयी बरसात ..
जीवन की अठखेली नई सी बात बन गयी .

जब नयनों में सपने सजते संग सजती बरसात
रंग बिरंगी दुनिया है ,कैसी रात सज गयी .

पिय को कह दो न झांके,नयनों में मेरे बरसात
नैहर में सपनों की सौगात, बारात सज गयी .

चल सजनी अब वक्त हुआ आईना करे बरसात
गल बहियाँ मैया की छैयां,मेहँदी सी रच गयी.

बापू मेरे करे न्योहरे ,भाई के सरहद पर बरसात
बहना रोती भर नैना ,सजनी, डोली सज गयी.-विजयलक्ष्मी

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