Friday 27 July 2012

कौन बडी बात है ...


वक्त के साथ जिंदगी बदलती है ,
दुनिया का बदलना कौन बडी बात है ,

इंसानी फितरत है बदलना खुदा कसम
इंसान का बदलना ही कौन बडी बात है .

मुरझा जाते है गुल ,भौरे गुजर जाते है
तितलियों का मचलना कौन बडी बात है.

नदिया भी समन्दर बन जाती है समझ
पहाड़ों का पिघलना भी कौन बडी बात है.

वक्त हर शैह पर भरी हुआ है सदा से यूँतो
उसपे वक्त का ही बदलना कौन बडी बात है.-- विजयलक्ष्मी

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