Monday 16 September 2013

सिलसिला ए हिचकी बदस्तूर जाती है

सिलसिला ए हिचकी बदस्तूर जाती है ,
हिचक है कि टूटी नहीं ,बदस्तूर जारी है .

अहसास ख्वाब का या ख्वाबों में अहसास 
ख्वाब ओ अहसास मुझमे बदस्तूर जारी है .

नमी मुझसे गुजर बादलों तक चली गयी ,
हवा का आंचल भीगना बदस्तूर जारी है .

टोपी का खेल हुआ सरकारी ,कैसी दोस्ती 
सियासी खंजर का खेल बदस्तूर जारी है .

जल गये घर, आग ने मजहब नही देखा
जलना मन्दिरमस्जिद का बदस्तूर जारी है.- विजयलक्ष्मी 

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