Sunday 8 September 2013

नफरत बनाम मुहब्बत

नफरत करें कैसे मुहब्बत के कसीदे घढ़ नहीं सकते ,
नजर में जो लिखा पढ़ लो ,न कहना पढ़ नहीं सकते .- विजयलक्ष्मी

मुहब्बत के घर को नफरत की दीमक निगल गयी ,
चैन औ अमन देश का मजहबी सीरत निगल गयी .- विजयलक्ष्मी 

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